होली 2022 कब हैं | होली का महत्व | होली पर कविता हिंदी में | होली क्या हैं और कैसे मनाई जाती हैं | होली की कहानी
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भारत विभिन्न धर्म एवं संस्कृतियों का
देश हैं. जहाँ विभिन्न धर्मों की मान्यताओं के अनुसार अनेकों त्यौहार मनाये जाते
हैं और यह त्यौहार सभी देशवासी आपसी प्रेम एवं सद्भाव के साथ पूरे हर्षोल्लास से
मनाते हैं. उन्ही त्योहारों में से एक हैं होली का त्यौहार.
होली त्योहार 2022 हिंदी में - Holi
Festival 2022 in Hindi
भारत
त्योहारों और संस्कृतियों का देश हैं इसलिए देश में हर महीने कोई न कोई पर्व,
त्यौहार मनाया जाता रहता हैं, ऐसा ही एक पावन पर्व हैं होली. होली रंगों का
त्योहार हैं जिसे बच्चे बूढ़े सभी बहुत धूमधाम से मनाते हैं.
होली
भारत में मनाये जाने वाले त्योहारों में से एक प्रमुख पर्व हैं. होली पर्व हिन्दू
धर्म का एक बहुत बड़ा त्यौहार हैं, जिसे भूटान, नेपाल, पाकिस्तान सहित विश्व के सभी
देश जहाँ हिन्दू धर्म को मानने वाले निवास करते हैं बहुत ही उत्साह से मनाते हैं. होली
त्योहार बसंत ऋतु के स्वागत का त्योहार भी माना जाता हैं.
वैसे भारत में होली बहुत हर्षोल्लास से
मनाया जाता हैं. वर्ष 2022
में होली कब हैं और होली क्यों मनाते हैं के बारें में
इस लेख के द्वारा जानकारी प्राप्त करते हैं.
यह
भी पढ़ें - होलिका दहन कब हैं और क्यों मनाया जाता हैं
होली क्या हैं –
What is Holi in Hindi
होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक
हिन्दू त्योहार हैं जिसे रंगों का त्योहार, रंगपंचमी, त्योहारों का त्योहार एवं
रंगिया प्रेम का त्यौहार के नाम से भी जाना जाता हैं.
होली का त्यौहार भारत, नेपाल में बहुत
धूमधाम से मनाया जाता हैं परन्तु समय के साथ धीरे धीरे यह फैलता गया और अब यह
त्योहार विश्व के लगभग सभी देश जहाँ हिन्दू निवास करते हैं मनाया जाने लगा हैं.
होली का त्योहार वसंत ऋतु के फागुन मास
में मनाया जाता हैं इस दिन लोग एक दूसरों को रंग गुलाल लगाकर गिले शिकवें भुलाकर
गले मिलते हैं.
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होली कब मनाई जाती हैं -
When is Holi celebrated in Hindi
हिन्दू धर्म में सभी त्योहार भारतीय
हिंदी कैलेण्डर के अनुसार मनाये जाते हैं. होली त्यौहार प्रत्येक वर्ष वसंत ऋतु
में फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं. वैसे होली की धूम बसंत पंचमी के दिन से ही शुरू हो जाती हैं.
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होली 2022 कब हैं - When is Holi 2022
दिनांक 17 मार्च 2022 दिन बृहस्पतिवार को दोपहर 01:29
पर पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ होगी तथा
दिनांक 18 मार्च 2022 दिन शुक्रवार को दोपहर 12:47
पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी. इस प्रकार अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार
वर्ष 2022 में होली दिनांक 18 मार्च 2022 दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी.
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होली क्यों मनाई जाती हैं - Why
is Holi celebrated in Hindi
भारत के अलग अलग क्षेत्रों में होली
मनाये जाने के विभिन्न कारण हैं लेकिन सबसे प्रमुख कारण राजा हिरन्यकश्यप की बहन
होलिका की आग में जल कर राख हो जाना हैं. उत्तर प्रदेश में लट्ठमार होली, बंगाल
में ढोल पूर्णिमा अथवा ढोल जात्रा, आसाम में फगवाह अथवा देओल एवं नेपाल में फागू
के नाम से होली मनाई जाती हैं. किसान अच्छी फसल उत्पादन की ख़ुशी में होली पर्व
मनाते हैं जिसे रंग महोत्सव अथवा वसंतोत्सव भी कहते हैं.
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होली की कहानी क्या हैं - What
is the Story of Holi in Hindi
होली की कई पौराणिक कथाएं हैं जिनसे होली
के पौराणिक महत्व के बारें में पता चलता हैं. प्रमुख होली पौराणिक कथा
निम्नवत हैं.
भक्त प्रहलाद और होलिका की कहानी - Story of Bhakt Prahlad and Holika in Hindi
हिरन्यकश्यप नाम का एक राजा था. उसने
तपस्या करके भगवान् को प्रसन्न करके यह वरदान मांग लिया कि कोई भी इंसान या जानवर
उसे मार नहीं सकता हैं, किसी भी अस्त्र शस्त्र से उसकी मृत्यु नहीं हो सकती हैं, न
घर के अन्दर न घर के बाहर न दिन में न रात में और न धरती पर न आकाश में कोई भी उसे
मार नहीं सकता था.
यह वरदान पाकर हिरन्यकश्यप को घमंड हो
गया कि अब वह स्वयं भगवान् हो गया हैं. वह अपने राज्य की प्रजा से उसकी पूजा करने
के लिए आदेश दिया और जो लोग उसकी पूजा नहीं करते थे उनके ऊपर वह अत्याचार करने
लगा.
हिरन्यकश्यप अपने भाई की मृत्यु का
बदला भगवान् विष्णु से लेना चाहता था. हिरन्यकश्यप का एक पुत्र था जिसका नाम
प्रहलाद था. प्रहलाद भगवान् विष्णु का अनन्य भक्त था. हिरन्यकश्यप अपने पुत्र को
भगवान् विष्णु की भक्ति करने से मना किया करता था परन्तु प्रहलाद नहीं मानता था.
हिरन्यकश्यप ने अपने पुत्र को मारने की
एक योजना बनाई. योजनानुसार हिरन्यकश्यप की बहन होलिका जिसे आग में न जलने का वरदान
प्राप्त था परन्तु यदि वह इस वरदान का दुरुपयोग करेगी तो वह आग में जल जाएगी, प्रहलाद को अपनी गोद में बैठाकर अग्नि
की वेदी पर बैठ जाएगी, जिससे प्रहलाद आग में जल जायेगा.
भक्त प्रहलाद भगवान् विष्णु की भक्ति
में लीन था और भगवान् विष्णु की कृपा से भक्त प्रहलाद आग से सकुशल बच गया और
होलिका अग्नि में जलकर राख हो गयी.
इस घटना से प्रजावासी उस दिन को
हर्षोल्लास से होलिका दहन
के नाम से मनाने लगे और अगले दिन होली का उत्सव मनाया जाने लगा.
राधा कृष्ण की कहानी - Story
of Radha Krishna in Hindi
एक बार बाल कृष्ण ने माता यशोदा से
पूछा कि उनका रंग साँवला क्यों हैं? उनका रंग राधा के समान गोरा क्यों नहीं
हैं? इस पर माता यशोदा ने मजाक में कृष्ण जी
से कहा कि अगर वह राधा के चेहरे पर रंग लगा दे तो राधा का रंग भी उनके जैसा हो
जायेगा.
इसके बाद कान्हा ने राधा और अन्य
गोपियों के साथ रंग से होली खेली और इस प्रकार से रंगों से होली मनाई जाने लगी.
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होली का इतिहास क्या हैं - What
is the history of Holi in Hindi
होली का त्योहार सांस्कृतिक एवं
पारंपरिक मान्यताओं के कारण प्राचीन काल से ही मनाया जा रहा हैं जिसका उल्लेख
पुराणों में भी किया गया हैं. इससे होली के ऐतिहासिक महत्व के बारें में पता चलता
हैं.
होली बहुत प्राचीन त्योहार हैं जिसे
होलिका और होलाका के नाम से मनाया जाता रहा हैं. वसंत ऋतु में हर्षोल्लास से मनाये
जाने के कारण होली को हर्षोत्सव के नाम से भी जाना जाता हैं.
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होली कैसे मनाई जाती हैं - How
is Holi celebrated in Hindi
भारत में होली का त्योहार बहुत धूम धाम
से मनाया जाता हैं परन्तु होली उत्तर भारत में सबसे उत्साह से मनाया जाता हैं.
ब्रज, वृन्दावन, गोकुल, मथुरा की होली
विश्व प्रसिद्द हैं जिसे देखने के लिए देश विदेश से लोग आते हैं. यहाँ होली का
त्योहार कई दिनो तक मनाया जाता हैं जिसमे सबसे प्रमुख लठमार होली होती हैं. लठमार
होली में पुरुष महिलाओं पर रंग डालते हैं और महिलायें पुरुषों को डंडे से मारती
हैं जिससे पुरुष ढाल से अपना बचाव करते हैं.
कई स्थानों पर फूलों द्वारा होली मनाई
जाती हैं और फागुन के गीतों को गाकर एक दूसरों से गले मिलकर खुशियाँ मनाते हैं.
मध्य भारत तथा महाराष्ट्र में होली को
रंगपंचमी के नाम से मनाया जाता हैं. जिसमे लोग एक दूसरों को रंग, गुलाल लगाकर गले
मिलते हैं और एक दूसरों के घर जाकर होली के विशेष पकवानों का आनंद उठाते हैं.
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में होली को
रंगपंचमी गैर के नाम से जाना जाता हैं जिसमे इंदौर में एक अलग ही धूम होती हैं. इस
दिन इंदौर शहरवासी सडकों पर निकलकर रंग गुलाल लगाकर नाचते गाते त्योहार मनाते हैं.
इसके आयोजन की तैयारी 15
दिनों पूर्व ही शुरू हो जाती हैं.
रंगों के इस त्योहार को फाल्गुन
महोत्सव के नाम से भी जाना जाता हैं, इसमें फाल्गुन के गीतों की धुन पर रंग गुलाल
के साथ एक दूसरे से गिले शिकवे को भुलाकर गले मिलते हैं और नाचते गाते हैं.
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होली का महत्व - Significance
of Holi in Hindi, Importance of Holi in Hindi
होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की
जीत का प्रतीक हैं साथ ही मुश्किलों से लड़ना एवं उसका सामना करना भी सिखाता हैं.
भक्त प्रहलाद की तरह हमें भगवान् पर विश्वास रखना चाहिये जिससे दुनिया की कोई भी
मुश्किल का हम डटकर सामना कर सकते हैं. होली त्योहार के रंग अनेकता में एकता को
प्रदर्शित करते हैं. होली त्योहार आपसी भेदभाव भुलाकर भाईचारा बढाता हैं और समाज
की बुराईयों को दूर करने में बहुत महत्व रखता हैं.
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होली में क्या सावधानियां रखनी चाहिये - What
precautions should be taken in Holi in Hindi
1 - रंगों में मिलावट होने से स्किन पर
दुष्प्रभाव पड़ सकता हैं इसलिए होली का त्योहार गुलाल एवं प्राकृतिक रंगों से ही
मनाना चाहिये.
2 - होली पर बहुत से लोग भांग एवं अन्य
नशीलें पदार्थों के मिश्रण से निर्मित पकवानों का सेवन करते हैं इसलिए ऐसे खाद्य
पदार्थों से बचना चाहिये.
3 - रंगों में केमिकल की मिलावट होने से
आँखों को नुकसान पहुँच सकता है इसलिए मिलावटी रंगों से होली नहीं खेलना चाहिये.
4 - त्योहार के समय बाज़ारों में मिलावटी
खाद्य पदार्थ जैसे खोया, खाद्य तेल इत्यादि खूब मिलते हैं, अतः ऐसे सामानों को
खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिये.
5 - किसी भी व्यक्ति को जबरजस्ती रंग लगाने
से बचना चाहिये.
6 - होली खेलते समय पक्के रंग का उपयोग
नहीं करना चाहिये.
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Holi FAQ
- Holi
frequently asked questions in Hindi
प्रश्न 1 – होली कितने देशों में मनाई जाती हैं?
उत्तर - विश्व के सभी देश जहाँ हिन्दू धर्म को मानने वाले निवास करते हैं होली
त्योहार मनाते हैं.
प्रश्न 2 – होली किस महीने में मनाई जाती हैं?
उत्तर - वसंत ऋतु में फाल्गुन माह में होली
मनाई जाती हैं.
प्रश्न 3 – धुलेंडी कब हैं?
उत्तर – धुलेंडी अथवा होली दिनांक 18 मार्च 2022 दिन शुक्रवार को हैं.
प्रश्न 4 – होलाष्टक कब है?
उत्तर – होलाष्टक दिनांक 10 मार्च 2022 बृहस्पतिवार से प्रारम्भ होकर दिनांक 17 मार्च 2022 बृहस्पतिवार को समाप्त होगा.
प्रश्न 5 – होली का दूसरा नाम क्या हैं?
उत्तर – होली का अन्य नाम होलिका, होलाका,
रंगोत्सव हैं.
प्रश्न 6 – वर्ष 2023 में होली कब हैं?
उत्तर – होली 2023 में दिनांक 8 मार्च 2023 दिन बुधवार को हैं.
प्रश्न 7 – महाराष्ट्र में होली को क्या कहते हैं?
उत्तर – महाराष्ट्र में होली को फाल्गुन पूर्णिमा
एवं रंगपंचमी के नाम से जाना जाता हैं.
प्रश्न 8 – लट्ठमार होली कहाँ खेली जाती हैं?
उत्तर – लट्ठमार होली बरसाना में खेली जाती
हैं.
प्रश्न 9 – होली में क्या खाया जाता हैं?
उत्तर – होली में विभिन्न प्रकार के पकवान
जैसे गुझिया, ठंडई, चिप्स पापड़, बादाम फिरनी इत्यादि चीजे खाई आती हैं.
प्रश्न 10 – होली का अर्थ क्या हैं?
उत्तर – होली का अर्थ पवित्रता, एकता, प्रेम
एवं सद्भाव हैं.
Conclusion
मुझे उम्मीद हैं कि आज के Article
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