वर्ष 2025 में बसंत पंचमी कब हैं | बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती हैं | वसंत पंचमी का महत्व क्या हैं | बसंत पंचमी पर निबंध

बसंत पंचमी कब और क्यों मनाया जाता हैं | बसंत पंचमी का वैज्ञानिक आधार | बसंत पंचमी पर निबंध हिंदी में | बसंत पंचमी क्या हैं और कैसे मनाई जाती हैं | Basant Panchami Kab Hai | बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त और तिथि कब हैं | बसंत पंचमी पर 10 लाइन

आज आप इस लेख के द्वारा बसंत पंचमी कब आती हैं, बसंत पंचमी पर कविता हिंदी में, Vasant Panchami Importance in Hindi, Basant Panchami Essay in Hindi, Basant Panchami Poem in Hindi, Basant Panchami kitne tarikh ko hai एवं वसंत पंचमी की कहानी हिंदी में के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे.

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वसंत पंचमी त्यौहार 2025 हिंदी में - Vasant Panchami Festival 2025 in Hindi

भारत विभिन्न धर्म एवं संस्कृतियों का देश हैं. जहाँ विभिन्न धर्मों की मान्यताओं के अनुसार अनेकों पर्व एवं त्यौहार मनाये जाते हैं और यह त्यौहार सभी देशवासी आपसी प्रेम एवं सद्भाव के साथ पूरे हर्षोल्लास से मनाते हैं. ऐसा ही एक पावन पर्व हैं बसंत पंचमी का त्यौहार.

वसंत पंचमी भारत में मनाये जाने वाले त्योहारों में से एक प्रमुख पर्व हैं. बसंत पंचमी पर्व हिन्दू धर्म का एक पावन त्यौहार हैं, जिसे भारत, भूटान, नेपाल, पाकिस्तान सहित विश्व के सभी देश जहाँ हिन्दू धर्म को मानने वाले निवास करते हैं बहुत ही श्रद्धा और हर्षोल्लास से मनाते हैं, लेकिन सबसे भव्य आयोजन भारत के पूर्वी क्षेत्र में किया जाता हैं.

बसंत पंचमी कब हैं 2025 एवं वसंत पंचमी क्यों मनाते हैं और बसंत पंचमी के पीछे का इतिहास क्या हैं के बारें में इस लेख के द्वारा जानकारी प्राप्त करते हैं.

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बसंत पंचमी क्या हैं - What is Basant Panchami in Hindi

भारत में मौसमों को छह प्रकार की ऋतुओं में बांटा गया हैं, उनमे से सबसे प्रमुख ऋतु वसंत हैं. वसंत पंचमी से ही वसंत ऋतु की शुरुआत भी होती हैं इसलिए वसंत पंचमी को वसंत ऋतु के आगमन दिवस के रूप में भी मनाया जाता हैं.

बसंत पंचमी का शुद्ध हिंदी नाम वसंत पंचमी हैं परन्तु अधिकांश स्थानों पर इसे सामान्यतः बसंत पंचमी ही बोला जाता हैं. बसंत पंचमी त्योहार प्रत्येक वर्ष माघ माह के पांचवें दिन मनाया जाता हैं और इस दिन महिलाएं पीले रंग का वस्त्र धारण करती हैं.

वसंत पंचमी को श्रीपंचमी, सरस्वती जयंती एवं सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता हैं. वसंत पंचमी होली के 40 दिवस पहले आती हैं और इसी दिन से होलिका की स्थापना भी की जाती हैं.

वसंत पंचमी पर्व प्रमुख रूप से विद्या की देवी माँ सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता हैं. देश के पूर्वी एवं उत्तरी भाग खासकर पश्चिम बंगाल में सरस्वती पूजा का भव्य आयोजन किया जाता हैं.

माँ सरस्वती को विद्या एवं सुरों (संगीत, कला) की जननी कहा जाता हैं इसलिए इस दिन माँ सरस्वती, पुस्तकों एवं वाद्य यंत्रों की पूजा की जाती हैं. सरस्वती पूजा अथवा सरस्वती देवी जयंती के दिन शैक्षणिक संस्थानों में सरस्वती देवी की पूजा अर्चना बहुत भव्य रूप में की जाती हैं.

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वर्ष 2025 में बसंत पंचमी कब हैं | बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती हैं | वसंत पंचमी का महत्व क्या हैं | बसंत पंचमी पर निबंध

बसंत ऋतु को ऋतुराज क्यों कहा जाता हैं - Why spring is called Rituraj in Hindi

बसंत पंचमी से ही बसंत ऋतु प्रारम्भ हो जाती हैं. वसंत ऋतु में पञ्च तत्व धरती, अग्नि, वायु, जल एवं आकाश संतुलित अवस्था में होते हैं, जिससे पेड़ पौधों में नई पत्तियां और कलियाँ लगने लगती हैं.

मौसम सुहावना हो जाता हैं, पशु पक्षियों और इंसानों में एक नई ऊर्जा का संचार होने लगता हैं, अध्ययन और कला के लिए श्रेष्ठ समय होता हैं. इसलिए वसंत ऋतु को ऋतुराज कहा जाता हैं.

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बसंत पंचमी कब मनाई जाती हैं - When is Basant Panchami celebrated in Hindi

हिन्दू धर्म में सभी त्योहार भारतीय हिंदी कैलेण्डर के अनुसार मनाये जाते हैं. वसंत पंचमी पर्व प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता हैं.

इस दिन से बसंत ऋतू का प्रारम्भ होता हैं, प्रकृति में बदलाव होना शुरू हो जाता हैं, पतझड़ का मौसम समाप्त होकर हरियाली की शुरुआत हो जाती हैं.

अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार वसंत पंचमी जनवरी / फरवरी महीने में मनाई जाती हैं. बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के मध्य भाग से पूर्व किया जाता हैं.

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बसंत पंचमी 2025 कब हैं - When is Basant Panchami 2025 in Hindi

हिन्दू पंचांग के अनुसार दिनांक 02 फरवरी, 2025 दिन रविवार को सुबह 09:14 पर पंचमी तिथि प्रारम्भ होगी तथा दिनांक 03 फरवरी, 2025 दिन सोमवार को सुबह 06:52 पर पंचमी तिथि समाप्त होगी. इस प्रकार अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार वर्ष 2025 में बसंत पंचमी दिनांक 02 फरवरी 2025 दिन रविवार को मनाई जाएगी.

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बसंत पंचमी 2025 का शुभ मुहूर्त कब हैं - Basant Panchami 2025 Shubh Muhurat Date & Time

हिन्दू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त दिनांक 02 फरवरी, 2025 दिन रविवार को प्रातः 09:16:39 से प्रारम्भ होगा और दोपहर 12:35:00 पर समाप्त होगा. इस प्रकार बसंत पंचमी का समय कुल 03 घंटे 18 मिनट के लिए ही रहेगा.

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बसंत पंचमी क्यों मनाया जाता हैं - Why is Vasant Panchami celebrated in Hindi

भारत में विभिन्न समुदायों हेतु वसंत पंचमी पर्व का महत्व भिन्न भिन्न हैं इसलिए बसंत पंचमी का त्योहार क्यों मनाया जाता हैं के पीछे भी अलग-अलग कारण हैं.

जिस प्रकार दीपावली पर माता लक्ष्मी एवं श्री गणेश और नवरात्र में माँ दुर्गा एवं कृष्ण जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण की पूजा अर्चना की जाती हैं उसी प्रकार भारत में वसंत पंचमी पर्व प्रमुख रूप से विद्या की देवी माँ सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता हैं.

देश के पूर्वी एवं उत्तरी भाग खासकर पश्चिम बंगाल में सरस्वती पूजा का भव्य आयोजन किया जाता हैं. सनातन धर्म में पौराणिक मान्यता हैं कि वसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती का जन्म हुआ था और माँ सरस्वती को विद्या एवं सुरों (संगीत, कला) की जननी कहा जाता हैं इसलिए इस दिन माँ सरस्वती, पुस्तकों एवं वाद्य यंत्रों की पूजा की जाती हैं और ज्ञानी, विद्वान, छात्र एवं कला प्रेमी माँ सरस्वती से आशीर्वाद की कामना करते हैं.

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बसंत पंचमी की कहानी क्या हैं - What is the story of Basant Panchami in Hindi

वसंत पंचमी पर्व की कई पौराणिक कथाएं जैसे शबरी की बसंत पंचमी की कथा, देवी सरस्वती की बसंत पंचमी की कथा हैं जिनसे वसंत पंचमी का पौराणिक महत्व के बारें में पता चलता हैं. प्रमुख वसंत पंचमी पौराणिक कथा निम्नवत हैं.

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देवी सरस्वती की कहानी - Story of Goddess Saraswati in Hindi

ब्रह्मा जी ने ब्रह्माण्ड की संरचना के उपरान्त मनुष्य, पशु, पक्षी एवं वनस्पति की उत्पत्ति की थी. सृष्टि की उत्पत्ति के बाद ब्रह्मा जी ने महसूस किया कि चारो तरफ नीरसता, सन्नाटा, उदासी छाई हुई हैं, तब उन्होंने भगवान् विष्णु से अनुमति लेकर अपने कमंडल से जल छिड़ककर एक देवी को जन्म दिया.

यह देवी ब्रह्मा जी की मानस पुत्री कहलाई और जिन्हें देवी सरस्वती के नाम से जाना जाता हैं. देवी सरस्वती के एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में पुस्तक एवं अन्य दो हाथों में माला थी.

सरस्वती जी से वीणा वादन के लिए कहा गया और जैसे ही देवी सरस्वती ने वीणा वादन किया तो उसके स्वर से धरती में कम्पन्न होने लगा और मनुष्य, पशु पक्षियों में  वाणी एवं बुद्धि का संचार होने लगा जिससे धरती पर फैली नीरसता, सन्नाटा, उदासी दूर हो गयी.

इसी कारण बसंत पंचमी को सरस्वती जयंती के रूप में मनाया जाता हैं और देवी सरस्वती को बुद्धि एवं ज्ञान की देवी भी कहा जाता हैं.

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शबरी की कहानी - Shabri's Story in Hindi

पौराणिक कथानुसार रामायण काल में जब रावण ने सीता जी का अपहरण किया था, तब माता सीता ने अपने अपहरण एवं अपहरण मार्ग की जानकारी प्रभु राम को मिल सके, इसके लिए अपने आभूषणों को धरती पर फेक दिया था.

उन्ही आभूषणों की सहायता से श्री राम ने सीता जी को तलाशना शुरू किया था. उसी दौरान भगवान् राम दण्डकारन्य वन में भीलनी शबरी से मिले थे. जहाँ उन्होंने प्रभु श्री राम की अनन्य भक्त शबरी के जूठे बेर बहुत प्रेम भाव से खाकर शबरी के जीवन का उद्धार किया था.

उस दिन बसंत पंचमी का दिन था इसलिए आज भी शबरी माता के मंदिर में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और बहुत धूम धाम से बसंत उत्सव मनाते हैं.

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बसंत पंचमी का इतिहास क्या हैं - What is the history of Basant Panchami in Hindi

वसंत पंचमी पर्व की कई ऐतिहासिक कथाएं हैं जिनसे वसंत पंचमी के ऐतिहासिक महत्व के बारें में पता चलता हैं. प्रमुख वसंत पंचमी ऐतिहासिक कथाएं निम्नवत हैं.

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पृथ्वीराज चौहान की कहानी - Story of Prithviraj Chauhan in Hindi

मुस्लिम शासक मोहम्मद गोरी ने भारत पर 17 बार हमला किया था जिसमे 16 बार उसे हार का सामना करना पड़ा था.

17वीं बार तराईन के दूसरे युद्ध में मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को हरा दिया और उन्हें बंदी बनाकर अफगानिस्तान ले जाकर बंदी गृह में डाल दिया.

मोहम्मद गोरी को यह पता चला कि पृथ्वीराज चौहान शब्द भेदी बाण चलाने की कला जानते हैं तो उसने पृथ्वीराज चौहान को शब्दभेदी बाण चलाने की कला दिखाने को कहा. उस दिन बसंत पंचमी का दिन था और कला प्रदर्शन के दौरान पृथ्वीराज चौहान ने चंदबरदाई की सहायता से शब्दभेदी बाण के द्वारा मोहम्मद गोरी को मार डाला.

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वीर हकीकत राय की कहानी - Story of Veer Haqiqat Rai in Hindi

लाहौर निवासी वीर हकीकत ने बसंत पंचमी के दिन बहुत कम उम्र में ही अपने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था.

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राजा भोज पंवार की कहानी - Story of Raja Bhoj Panwar in Hindi

उज्जैन के महान शासक राजा भोज पंवार का जन्म वसंत पंचमी के दिन हुआ था. राजा भोज के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में राज्य में एक बहुत बड़े भोज का आयोजन किया जाता था. यह विशाल भोज वसंत पंचमी को प्रारम्भ होता था जो कि अगले चालीस दिनों तक चलता रहता था. इस भोज में राज्य की पूरी प्रजा भोजन करती थी.

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गुरु राम सिंह कूका की कहानी - Story of Guru Ram Singh Kuka in Hindi

कूका पंथ की स्थापना करने वाले प्रसिद्द गुरु राम सिंह कूका का जन्म बसंत पंचमी के के दिन हुआ था. गुरु राम सिंह कूका ने समाज के लिए अनेकों कार्य किये थे.

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वसंत पंचमी कैसे मनाया जाता हैं - How is Vasant Panchami celebrated in Hindi

भारत में विभिन्न प्रान्तों में वसंत पंचमी पर्व भिन्न भिन्न तरीकों से मनाया जाता हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार हिन्दू धर्म के देवी देवताओं का वसंत पंचमी से सम्बन्ध रहने के कारण देश के अधिकांश हिस्सों में सरस्वती पूजा का आयोजन बहुत धूमधाम से किया जाता हैं.

देश के पूर्वोत्तर हिस्सों में माता सरस्वती की मूर्ति स्थापित करके ज्ञानी, विद्वान, छात्र एवं कला प्रेमी माँ सरस्वती की पूजा करते हैं और उनसे ज्ञान एवं सद्बुद्धि की कामना करते हैं.

कई हिस्सों में भव्य बसंत मेलों का आयोजन किया जाता हैं साथ ही नदियों में स्नान दान की भी मान्यता हैं.

वसंत ऋतु के समय शीतकालीन ऋतु की फसलें तैयार हो जाती हैं इसलिए किसान इसे समृद्धि के उत्सव के रूप में मनाते हैं.

इस दिन पंजाब में पतंगबाजी की प्रथा हैं, जिसे महाराजी रणजीत सिंह द्वारा प्रारम्भ किया गया था. वसंत पंचमी के दिन पंजाब में खूब पतंगे उड़ाई आती हैं.

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बसंत पंचमी मनाने की आधुनिक परम्परा क्या हैं - What is the modern tradition of celebrating Basant Panchami in Hindi

वर्तमान समय में प्रत्येक त्योहार की तरह बसंत पंचमी पर्व का भी आधुनिकीकरण हो गया हैं. पहले के समय लोग ऋतुओं के राजा बसंत का बेसब्री से इंतज़ार किया करते थे.

प्रकृति और माँ सरस्वती की धूमधाम से पूजा किया करते थे. माँ सरस्वती की मूर्ति क्षेत्रीय कलाकारों द्वारा तैयार की जाती थी जिससे उन्हें भी रोजगार के अवसर मिलते थे परन्तु आज के समय में मूर्तियों एवं सजावटी सामानों जैसी सभी छोटी बड़ी वस्तुओं का निर्माण बड़े बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा किया जाने लगा हैं.

आधुनिक युग में लोगों की व्यस्तता एवं अन्य कारणों से बसंत पंचमी उत्सव मनाने में रूचि कम होने लगी हैं. आज की युवा पीढ़ी को बसंत पंचमी त्योहार के विषय में सोचना चाहिये और प्राचीन परम्पराओं को जीवित रखने का प्रयास करना चाहिये.

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वसंत पंचमी का महत्व क्या हैं - What is the Significance of Vasant Panchami in Hindi

भारत में वसंत ऋतु को सर्वश्रेष्ठ ऋतु माना गया हैं इसलिए इसे ऋतुओं का राजा भी कहा गया हैं. वसंत पंचमी से ही वसंत ऋतु की शुरुआत भी होती हैं.

वसंत ऋतु में पञ्च तत्व धरती, अग्नि, वायु, जल एवं आकाश संतुलित अवस्था में होते हैं जिसके कारण पेड़ पौधों पर नए पत्ते और कलियाँ लगने लगती हैं और प्रकृति में नई उमंग आ जाती हैं, मौसम सुहावना हो जाता हैं.

पशु पक्षी और इंसानों में एक नई ऊर्जा का संचार होने लगता हैं. वसंत ऋतु में न अधिक गर्मी होती हैं, न अधिक ठंडक होती हैं और न वर्षा होती हैं इसलिए जिसके कारण इसे सुहानी ऋतु भी कहा जाता हैं.

वसंत ऋतु अध्ययन एवं कला के लिए श्रेष्ठ समय माना गया है इसलिए ज्ञानी, विद्वानों, छात्रों एवं कला प्रेमियों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण ऋतु हैं.

बसंत पंचमी से कई सारी पौराणिक एवं ऐतिहासिक कथाएं भी जुड़ी हैं. इसी दिन ज्ञान की देवी सरस्वती का जन्म भी हुआ था इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती हैं, बसंत मेलों का आयोजन एवं नदियों में स्नान दान किया जाता हैं. ऐसे में बसंत पंचमी का महत्व बहुत बढ़ जाता हैं.

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वसंत पंचमी का वैज्ञानिक महत्व क्या हैं - What is the scientific significance of Vasant Panchami in Hindi

बसंत पंचमी का वैज्ञानिक आधार पर भी बहुत बड़ा महत्व हैं. इस दिन पीले रंग का बड़ा महत्व हैं, पीला रंग हिन्दू धर्म में शुभ रंग माना जाता हैं. पीला रंग शुद्ध एवं सात्विक प्रवृत्ति के प्रतीक के रूप में माना जाता हैं.

फेंगशुई ने भी पीले रंग को आत्मिक रंग अर्थात् आध्यात्म और आत्मा से जुड़ा हुआ रंग बताया हैं. फेंगशुई के सिद्धांत ऊर्जा पर आधारित होने के कारण पीला रंग सूर्य का प्रकाश अर्थात् ऊष्मा शक्ति का प्रतीक हैं. पीले रंग से हमें संतुलन, तारतम्यता, एकाग्रता और पूर्णता का अहसास मिलता हैं.

वैज्ञानिक मान्यता अनुसार पीला रंग से डिप्रेशन दूर करने में सहायता मिलती हैं. पीला रंग से दिमाग सक्रिय रहता हैं जिससे दिमाग में उठने वाली तरंगों से ख़ुशी का अहसास और आत्मविश्वास में वृद्धि होती हैं.

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बसंत पंचमी शायरी - Basant Panchami Shayari in Hindi

आज के समय में लोग टेक्नोलॉजी का अधिक इस्तेमाल करने लगे हैं. बसंत पंचमी त्यौहार पर भी लोग अपने पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों एवं मित्रों को स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप के माध्यम से Basant Panchami Shayari भेजकर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं.

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Basant Panchami Quotes in Hindi

आज के समय में लोग टेक्नोलॉजी का अधिक इस्तेमाल करने लगे हैं. बसंत पंचमी त्यौहार पर भी लोग अपने पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों एवं मित्रों को स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप के माध्यम से Basant Panchmi Quotes in English भेजकर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं.

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Basant Panchami Status in Hindi

बसंत पंचमी त्यौहार पर लोग अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर Basant Panchami Status के रूप में बसंत पंचमी बधाई सन्देश और बसंत पंचमी शुभकामना सन्देश लिखकर पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों एवं मित्रों को अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं.

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बसंत पंचमी फोटो - Basant Panchami Images Download

बसंत पंचमी त्यौहार पर लोग अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर Basant Panchami Status के रूप में बसंत पंचमी बधाई सन्देश एवं बसंत पंचमी शुभकामना सन्देश लिखी हुई Basant Panchami PNG Image अथवा बसंत पंचमी एचडी इमेज लगाकर पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों एवं मित्रों को अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं.

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Vasant Panchami FAQ - Basant Panchami frequently asked questions in Hindi

प्रश्न - क्या 2025 में बसंत पंचमी विवाह मुहूर्त हैं?

उत्तर - हाँ वर्ष 2025 में वसंत पंचमी विवाह मुहूर्त हैं.

प्रश्न - बसंत पंचमी पर किसकी पूजा की जाती हैं?

उत्तर - बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती एवं शिव जी की पूजा की जाती हैं.

प्रश्न - बसंत पंचमी कौन से माह में मनाई जाती हैं?

उत्तर - बसंत पंचमी जनवरी / फरवरी माह में मनाई जाती हैं.

प्रश्न - बसंत पंचमी त्योहार की शुरुआत किसने की थी?

उत्तर - वसंत पंचमी त्यौहार पौराणिक काल से मनाया जा रहा हैं इसलिए यह बताना कठिन हैं कि बसंत पंचमी त्योहार की शुरुआत किसने की थी.

प्रश्न - वसंत पंचमी का इतिहास कितने वर्ष पुराना हैं?

उत्तर - वसंत पंचमी का इतिहास पौराणिक काल से जुड़ा हैं इसलिए यह बताना कठिन हैं कि बसंत पंचमी का इतिहास कितने साल पुराना हैं.

प्रश्न - बसंत पंचमी में पीले रंग का क्या महत्व हैं?

उत्तर - पीले रंग को बसंत का प्रतीक माना गया हैं.

प्रश्न - वसंत पंचमी पर्व में क्या होता हैं?

उत्तर - सरस्वती देवी की पूजा होती हैं, लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं.

प्रश्न - बसंत पंचमी को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

उत्तर - बसंत पंचमी को अंग्रेजी में Vasant Panchami कहते हैं.

प्रश्न - बसंत पंचमी के दिन क्या दान करना चाहिये?

उत्तर - वसंत पंचमी को अन्न दान, पुस्तक दान एवं वस्त्र दान करना चाहिये.

प्रश्न - बसंत पंचमी के दिन किस कवि का जन्मदिन मनाया जाता हैं?

उत्तर - बसंत पंचमी के दिन सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला का जन्मदिन मनाया जाता हैं.

प्रश्न - वर्ष 2025 में बसंत पंचमी किस दिन व तारीख को हैं?

उत्तर - वर्ष 2025 में बसंत पंचमी दिनांक 02 फरवरी, 2025 दिन रविवार को हैं.

प्रश्न - वसंत ऋतु आने पर मधुप क्या करते हैं?

उत्तर - बसंत ऋतु आने पर मधुप गुन गुन करते हुए इधर उधर फूलों का रस पीते हैं.

प्रश्न - कौन सा पक्षी बसंत के आगमन का प्रतीक हैं?

उत्तर - सारस पक्षी बसंत ऋतु आगमन का प्रतीक हैं.

प्रश्न - बसंत ऋतु का नाम क्या हैं?

उत्तर - बसंत ऋतु का दूसरा नाम अंग्रेजी में Spring और हिंदी में ऋतु राज हैं.

प्रश्न - बसंत ऋतु की शुरुआत कब हुई हैं?

उत्तर - बसंत ऋतु की शुरुआत दिनांक 02 फरवरी 2025 दिन रविवार से हो रही हैं.

प्रश्न - बसंत पंचमी के दिन किसका जन्म हुआ था?

उत्तर - बसंत पंचमी को विद्या, संगीत, कला, ज्ञान की देवी सरस्वती का जन्म हुआ था.

प्रश्न - बसंत पंचमी पर कैसे कपड़े पहने?

उत्तर - बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया हैं.

प्रश्न - क्या बसंत पंचमी विवाह के लिए शुभ हैं?

उत्तर - बसंत पंचमी के दिन श्रेष्ठ संयोग एवं मुहूर्त बनने के कारण विवाह के लिए शुभ माना गया हैं.

प्रश्न - ऋतुओं का राजा कौन हैं?

उत्तर - ऋतुओं का राजा बसंत ऋतु हैं.

प्रश्न - बसंत पंचमी का दूसरा नाम क्या हैं?

उत्तर - वसंत पंचमी का अन्य नाम श्री पंचमी और वागीश्वरी जयंती भी हैं.

प्रश्न - बसंत पंचमी को किसका जन्म हुआ था?

उत्तर - वसंत पंचमी के दिन साहित्यकार सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म हुआ था.

प्रश्न - बसंत पंचमी पर पतंगबाजी क्यों?

उत्तर - वसंत पंचमी के दिन पतंग उड़ाने की सदियों पुरानी परम्परा हैं, पतंग उड़ाते हुए लोग नई वसंत ऋतु का आगमन करते हैं. बसंत पंचमी के दिन हरियाणा और पंजाब में पतंग उत्सव मनाया जाता हैं.

प्रश्न - बसंत पंचमी पर हम पीले कपड़े क्यों पहनते हैं?

उत्तर - कहा जाता हैं कि पीला रंग माँ सरस्वती का प्रिय रंग हैं, इसलिए बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का कपड़ा पहना जाता है.

प्रश्न - वर्ष 2025 में बसंत पंचमी कब हैं?

उत्तर - वर्ष 2025 में बसंत पंचमी दिनांक 02 फरवरी 2025 दिन रविवार को हैं.

प्रश्न - वर्ष 2026 में बसंत पंचमी कब हैं?

उत्तर - वर्ष 2026 में बसंत पंचमी दिनांक 23 जनवरी 2026 दिन शुक्रवार को हैं.

प्रश्न - वर्ष 2027 में बसंत पंचमी कब हैं?

उत्तर - वर्ष 2027 में बसंत पंचमी दिनांक 11 फरवरी 2027 दिन बृहस्पतिवार को हैं.

प्रश्न - वर्ष 2028 में बसंत पंचमी कब हैं?

उत्तर - वर्ष 2028 में बसंत पंचमी दिनांक 31 जनवरी 2028 दिन सोमवार को हैं.

प्रश्न - वर्ष 2029 में बसंत पंचमी कब हैं?

उत्तर - वर्ष 2029 में बसंत पंचमी दिनांक 19 जनवरी  2029 दिन शुक्रवार को हैं.

प्रश्न - वर्ष 2030 में बसंत पंचमी कब हैं?

उत्तर - वर्ष 2030 में बसंत पंचमी दिनांक 07 फरवरी 2030 दिन गुरूवार को हैं.

प्रश्न - वर्ष 2031 में सरस्वती पूजा कब हैं?

उत्तर - वर्ष 2031 में सरस्वती पूजा दिनांक 27 जनवरी 2031 दिन सोमवार को हैं.

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निष्कर्ष

मुझे उम्मीद हैं कि आज के लेख बसंत पंचमी कब हैं और क्यों मनाई जाती हैं पसंद आया होगा.

आज के लेख में आपने वसंत पंचमी कब मनाई जाती है, बसंत पंचमी क्यों मनाया जाता हैं, वसंत पंचमी कैसे मनाया जाता हैं एवं बसंत पंचमी का आध्यात्मिक महत्व क्या हैं के बारें में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की हैं.

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आप सभी पाठकगणों को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें.

 

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